बीपी कम होने के लक्षण, कारण, और उपाय- Low BP Symptoms in Hindi

akash
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आपको हर दिन थकान और चक्कर महसूस होता है? यह सोचकर कि आपका रक्तचाप बहुत कम हो सकता है, तो आप कहां गलत हो रहे हैं? लोअर ब्लड प्रेशर एक शांत लेकिन गंभीर समस्या है।

Contents
मुख्य बिंदुक्या है नीचा रक्तचाप या लो ब्लड प्रेशर?रक्तचाप क्या है?नीचे रक्तचाप के स्तरलो ब्लड प्रेशर के लक्षणलोअर ब्लड प्रेशर के कारणस्वास्थ्य संबंधी कारणजीवनशैली से संबंधित कारणLow Blood Pressure का आयुर्वेदिक उपचारलो ब्लड प्रेशर के योगासन और प्राणायामसर्वांगासननादि शोधन प्राणायामलो ब्लड प्रेशर के लिए जीवनशैली परिवर्तनलो ब्लड प्रेशर का औषधीय उपचारमिडोड्राइनफ्लुड्रोकोर्टिसोनLow Blood Pressure से बचाव के उपायनिष्कर्षFAQलो ब्लड प्रेशर क्या है?लो ब्लड प्रेशर के क्या लक्षण हैं?लोअर ब्लड प्रेशर के क्या कारण हो सकते हैं?लो ब्लड प्रेशर का आयुर्वेदिक उपचार क्या है?लो ब्लड प्रेशर के लिए कौन से योगासन और प्राणायाम उपयोगी हैं?लो ब्लड प्रेशर से बचने के क्या उपाय हैं?

इसे अनदेखा करना या उपेक्षा करना जटिल हो सकता है। इसलिए, हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए। हमें इसके लक्षण, कारण और उपायों को समझना चाहिए।

मुख्य बिंदु

  • लो ब्लड प्रेशर क्या होता है और इसके लक्षण क्या हैं?
  • लो ब्लड प्रेशर के क्या कारण हो सकते हैं?
  • लो ब्लड प्रेशर के आयुर्वेदिक और दवाई-आधारित उपचार क्या हैं?
  • लो ब्लड प्रेशर से बचने के उपाय क्या हैं?
  • निष्कर्ष

क्या है नीचा रक्तचाप या लो ब्लड प्रेशर?

रक्तचाप का जानना बहुत जरूरी है। यह हमारे स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। ब्लड प्रेशर या रक्तचाप रक्त के प्रवाह का दबाव है। यह दबाव सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप के रूप में मापा जाता है।

रक्तचाप क्या है?

रक्तचाप रक्त वाहिकाओं के माध्यम से रक्त को शरीर में प्रवाहित करता है। यह दबाव दिल की कार्यक्षमता और रक्त वाहिकाओं की लचीलापन पर निर्भर करता है। सामान्य रक्तचाप 120/80 mmHg के आस-पास होता है।

नीचे रक्तचाप के स्तर

लो ब्लड प्रेशर स्तर का मतलब है कि रक्त का प्रवाह कम हो रहा है। यहाँ कुछ सामान्य लो ब्लड प्रेशर स्तर दिए गए हैं:

  • 90/60 mmHg या कम
  • 80/50 mmHg या कम
  • 70/40 mmHg या कम

इन स्तरों से नीचे रक्तचाप को गंभीर माना जाता है। इसे जल्द से जल्द संबोधित करना आवश्यक है।

लो ब्लड प्रेशर के लक्षण

लो ब्लड प्रेशर या हाइपोटेंशन एक आम समस्या है। इसे सही समय पर पहचानना बहुत जरूरी है। कई लक्षण हैं जिन्हें समझना चाहिए ताकि उपचार किया जा सके।

  • शिरोदर्द: सिर में दर्द या असहज महसूस होना एक आम लक्षण है।
  • चक्कर आना: कम रक्तचाप के कारण चक्कर आते हैं या अल्पस्मृति महसूस होती है।
  • थकान: कम ब्लड प्रेशर से व्यक्ति थकान और कमजोरी महसूस करता है।
  • गिरना: लो ब्लड प्रेशर के कारण व्यक्ति संतुलन खो सकता है और गिर सकता है।
  • अस्पष्ट दृष्टि: कम रक्तप्रवाह के कारण आंखों की दृष्टि धुंधली हो सकती है।

इन लक्षणों को पहचानना बहुत महत्वपूर्ण है। समय रहते निदान और उपचार किया जाना चाहिए।

“लो ब्लड प्रेशर के लक्षणों को सही से पहचानना और समय रहते उपचार करवाना महत्वपूर्ण है ताकि गंभीर स्थिति न बन जाए।”

लोअर ब्लड प्रेशर के कारण

लो ब्लड प्रेशर कई कारणों से हो सकता है। यह स्वास्थ्य संबंधी या जीवनशैली से जुड़े हो सकते हैं।

स्वास्थ्य संबंधी कारणों में गर्भावस्था, डायबिटीज, थायरॉइड गड़बड़ी और दिल की समस्याएं शामिल हैं।

जीवनशैली से जुड़े कारणों में अधिक शारीरिक गतिविधि, कम पानी पीना और कुछ दवाएं लेना शामिल हैं।

स्वास्थ्य संबंधी कारण

  • गर्भावस्था: कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान रक्तचाप कम हो जाता है।
  • डायबिटीज: इस स्थिति में रक्तचाप कम हो सकता है।
  • थायरॉइड गड़बड़ी: थायरॉइड कम होने से रक्तचाप कम हो सकता है।
  • दिल की समस्याएं: दिल की कुछ समस्याओं में रक्तचाप कम हो सकता है।

जीवनशैली से संबंधित कारण

  1. अधिक शारीरिक गतिविधि: शारीरिक गतिविधि बढ़ने से रक्तचाप कम हो सकता है।
  2. कम पानी पीना: पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से रक्तचाप कम हो सकता है।
  3. कुछ दवाएं लेना: कुछ दवाएं लेने से भी रक्तचाप कम हो सकता है।

इन कारणों को समझना महत्वपूर्ण है। ताकि उचित उपाय किए जा सकें और लो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सके।

Low Blood Pressure का आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेद में लो ब्लड प्रेशर के लिए कुछ अच्छे उपचार हैं। अर्नब घोष जैसे प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक ने कुछ विशेष उपाय बताए हैं।

इनमें शामिल हैं:

  • वृक्षासन: यह योगासन शरीर को संतुलित रखता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
  • नासा शोधन प्राणायाम: यह श्वास प्रक्रिया सुधारता है और रक्तप्रवाह बढ़ाता है।
  • कपूरकचली: इस औषधी में रक्त वाहिनियों को विस्तारित करने और रक्तचाप को नियंत्रित करने की शक्ति है।

इन आयुर्वेदिक उपायों को नियमित रूप से करने से लो ब्लड प्रेशर के आयुर्वेदिक उपाय को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। यह शरीर के संतुलन को बनाए रखने और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।

“आयुर्वेद में लो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के कई प्रभावी तरीके हैं। इनमें से कुछ तकनीकों को नियमित अभ्यास करके रक्तचाप को स्थिर किया जा सकता है।”
अर्नब घोष, प्रख्यात आयुर्वेदिक चिकित्सक

लो ब्लड प्रेशर के योगासन और प्राणायाम

योग में कई आसन और प्राणायाम हैं जो लो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख योगासन और प्राणायाम हैं जो रक्तचाप को सामान्य स्तर पर लाने में सहायक हैं।

सर्वांगासन

सर्वांगासन एक बहुत ही प्रभावी लो ब्लड प्रेशर के योगासन है। यह शरीर को संतुलित करता है और रक्तचाप को सामान्य स्तर पर लाने में मदद करता है। इस आसन को करते समय शरीर पूरी तरह से उल्टा होता है, जिससे रक्त का प्रवाह सिर की ओर बढ़ जाता है और रक्तचाप बढ़ जाता है।

नादि शोधन प्राणायाम

नादि शोधन प्राणायाम भी लो ब्लड प्रेशर के लिए बहुत लाभकारी है। यह प्राणायाम शरीर को संतुलित करता है और रक्तचाप को सामान्य स्तर पर लाने में मदद करता है। इस प्राणायाम में एक नाड़ी को बंद करके और दूसरी नाड़ी से सांस लेते हुए, शरीर को शुद्ध करके रक्तचाप को नियंत्रित किया जाता है।

इन योगासनों और प्राणायामों को नियमित रूप से अभ्यास करने से लो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है और शरीर को संतुलित रखने में भी सहायता मिलती है।

योगासन

“योग में कई ऐसे आसन और प्राणायाम हैं जो लो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। सर्वांगासन और नादि शोधन प्राणायाम इनमें से प्रमुख हैं।”

लो ब्लड प्रेशर के लिए जीवनशैली परिवर्तन

नीचा रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए, जीवनशैली में बदलाव करना जरूरी है। ये बदलाव रक्तचाप को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। इससे लक्षण भी कम होंगे।

इन जीवनशैली परिवर्तनों में शामिल हैं:

  • पर्याप्त पानी पीना: दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए ताकि शरीर में पर्याप्त द्रवीय स्तर बना रहे।
  • नियमित व्यायाम: कम से कम सप्ताह में 3-4 बार व्यायाम करना चाहिए। इससे रक्तप्रवाह में सुधार होता है और रक्तचाप स्वास्थ्यपूर्ण स्तर पर बना रहता है।
  • तनाव को कम करना: योग, ध्यान और अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकों का उपयोग करके तनाव को कम किया जा सकता है।
  • सुषुम्ना क्रिया का अभ्यास: यह एक प्राणायाम है जिससे तंत्रिका तंत्र को शांत करने और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

इन लाइफस्टाइल बदलावों को अपनाकर लो ब्लड प्रेशर रखा जा सकता है। इससे कई लक्षणों से राहत मिल सकती है।

“जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करके लो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है।”

लो ब्लड प्रेशर का औषधीय उपचार

कुछ मामलों में, गंभीर या लंबे समय से चल रहे लो ब्लड प्रेशर के उपचार के लिए दवाईयों का सहारा लेना आवश्यक हो सकता है। इन दवाओं में दो प्रमुख प्रकार हैं – मिडोड्राइन और फ्लुड्रोकोर्टिसोन। ये दवाएं रक्तचाप को स्वस्थ स्तर पर बनाए रखने में मदद करती हैं।

मिडोड्राइन

मिडोड्राइन एक प्रकार की दवा है जो रक्तचाप को स्वस्थ स्तर पर बनाए रखने में मदद करती है। यह दवा रक्त वाहिकाओं को संकुचित करके और रक्त के प्रवाह को बढ़ाकर रक्तचाप को स्थिर करती है। डॉक्टर इस दवा का प्रयोग गंभीर या लंबे समय से चल रहे लो ब्लड प्रेशर के मामलों में करते हैं।

फ्लुड्रोकोर्टिसोन

फ्लुड्रोकोर्टिसोन एक और प्रकार की दवा है जो लो ब्लड प्रेशर के उपचार में इस्तेमाल की जाती है। यह दवा शरीर में सोडियम और जल संतुलन को बढ़ाकर रक्तचाप को स्वस्थ स्तर पर बनाए रखने में मदद करती है। यह दवा गंभीर या लंबे समय से चल रहे लो ब्लड प्रेशर के मामलों में इस्तेमाल की जाती है।

इन दोनों दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए, क्योंकि अनिरीक्षित उपयोग से नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। साथ ही, दवाओं के साथ-साथ जीवनशैली में भी आवश्यक बदलाव करने की जरूरत होती है।

लो ब्लड प्रेशर दवाइयां

Low Blood Pressure से बचाव के उपाय

नीचा रक्तचाप या लो ब्लड प्रेशर एक गंभीर समस्या हो सकती है। लेकिन, इसके कुछ प्रभावी उपाय हैं। इन्हें अपनाकर आप रक्तचाप को सामान्य बना सकते हैं।

  1. नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम लो ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है। योग और प्राणायाम जैसी गतिविधियों को शामिल करें।
  2. पर्याप्त पानी पीना: पानी पीना रक्तचाप को स्थिर रखने में मदद करता है। दिनभर 8 ग्लास पानी पिएं।
  3. तनाव को कम करना: तनाव का प्रबंधन लो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। योग, ध्यान और संगीत सुनना मददगार है।

इन सरल उपायों को अपनाकर आप रक्तचाप को सामान्य रख सकते हैं। और लो ब्लड प्रेशर से बचाव कर सकते हैं।

“नियमित व्यायाम, पर्याप्त पानी पीना और तनाव प्रबंधन लो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।”

निष्कर्ष

इस लेख में हमने लो ब्लड प्रेशर के बारे में बहुत कुछ सीखा। हमने इसके लक्षण, कारण, उपचार और बचाव के तरीके पर चर्चा की।

यह जानकारी आपको लो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करेगी। यह आपको इस समस्या से बचने में भी सहायता करेगा।

लो ब्लड प्रेशर एक आम समस्या है। लेकिन समय पर इसका इलाज करना बहुत जरूरी है।

इस लेख से आपको इस समस्या के बारे में जानकारी मिलेगी। यह आपको स्वस्थ और सुरक्षित रहने में मदद करेगा।

लो ब्लड प्रेशर को समझना और इसका इलाज करना बहुत महत्वपूर्ण है। इस लेख में दी गई जानकारी आपको इस काम में सहायता करेगी।

अब आप लो ब्लड प्रेशर को प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर सकते हैं। आप इससे बचाव के उपाय भी कर सकते हैं।

FAQ

लो ब्लड प्रेशर क्या है?

लो ब्लड प्रेशर या हाइपोटेंशन, खून का नीचा दबाव है। जब रक्तचाप कम हो जाता है, तो इसे लो ब्लड प्रेशर कहते हैं।

लो ब्लड प्रेशर के क्या लक्षण हैं?

लो ब्लड प्रेशर के लक्षणों में शिरोदर्द और चक्कर आना शामिल है। थकान, गिरना और अस्पष्ट दृष्टि भी लक्षण हैं। इन्हें पहचानना जरूरी है।

लोअर ब्लड प्रेशर के क्या कारण हो सकते हैं?

लो ब्लड प्रेशर के कई कारण हैं। गर्भावस्था, डायबिटीज और थायरॉइड गड़बड़ी मुख्य हैं। दिल की समस्याएं, अधिक शारीरिक गतिविधि और दवाएं भी कारण हो सकती हैं।

लो ब्लड प्रेशर का आयुर्वेदिक उपचार क्या है?

आयुर्वेद में लो ब्लड प्रेशर के उपचार हैं। अर्नब घोष ने वृक्षासन और नासा शोधन का सुझाव दिया है। कपूरकचली भी उपयोगी है।

लो ब्लड प्रेशर के लिए कौन से योगासन और प्राणायाम उपयोगी हैं?

योग में सर्वांगासन और नादि शोधन प्राणायाम फायदेमंद हैं। ये रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

लो ब्लड प्रेशर से बचने के क्या उपाय हैं?

लो ब्लड प्रेशर से बचाव के लिए नियमित व्यायाम और पानी पीना महत्वपूर्ण है। तनाव कम करना और योग-प्राणायाम का अभ्यास करना भी जरूरी है।

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